महासभा का दीपावली स्नेह मिलन

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महासभा का दीपावली स्नेह मिलन

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"मेड़ता 3 नवम्बर 2019 अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा, मेड़ता, जिला नागौर के तत्वावधान में नागौर जिले और प्रदेश कार्यकारिणी का दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम रावणा राजपूत समाज के सभा भवन में सम्पन्न हुवा। इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष जसवंतसिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा और सुन्दरगिरी जी महाराज ने नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि संस्थापक अध्यक्ष जसवंतसिंह सोलंकी और मदन सिंह खंगारोत ने कहा कि, रावणा राजपूत समाज में जागृति साल या दो साल में नहीं आयी है, सैकड़ों से हजारों और लाखों में समाज की जागृति के महासभा की 20 वर्षों की तपस्या और त्याग है। महासभा की 1998 की रैली के मुकाबले अब तक जयपुर की राजधानी में एक भी रैली नहीं हो पाई और न ही सामूहिक विवाह के मामले में मालपुरा के 108 और पुष्कर के 201 जोड़ों का कोई रिकॉर्ड तोड़ पाया, कुछ लोगों ने आजकल सोशियल मीडिया के जरिए समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाकर नये नये संगठन तो बना लिए लेकिन अब वही ढाक के तीन पात है, आए दिन समाज की नकारात्मक बातों पर बहस कर स्वयं का और समाज का समय खराब कर रहे हैं, वर्तमान में समाज में ऐसे लोगों का जमावड़ा होने लग गया है जो या तो किसी न किसी बहाने चन्दा उगाई करते है और दूसरे वो जो शिक्षा के नाम पर अपने स्वयम के प्रचार में लगे हुवे है, जब इतिहास संशोधन की बात आती है तो यही लोग समाज को महासभा की ओर मोड़ देते है क्योंकि इनको पता है कि यह कार्य तो महासभा ही करवायेगी, अब तक महासभा ने विश्विद्यालय स्तर की 8 पुस्तकों में रावणा राजपूत समाज की परिभाषा को सही करवाया है और आगे और भी करवायेंगे। अब समाज को जागरूक होने की बारी है, समाज चन्दा खोरों और उन व्यापारियों से कैसे बचे जो शिक्षा के नाम पर कोचिंग संस्थानों में छूट दिलवाने के बहाने समाज में घूम घूम कर अपना प्रचार तो कर रहे है लेकिन समाज को उसके मूल उद्देश्यों से भी और समाज - संगठन की एकता से भी भटका रहे है और धीरे धीरे अब तीसरे गुट की और अग्रसर है। इन नये समाज के अग्रणी लोगों को आज भी समाज खड़ा होकर "रावणा राजपूत क्या है?" पूछ ले तो यह कुछ भी बोलकर समाज को भ्रमित कर देंगे लेकिन रावणा राजपूत समाज का 10 प्रतिशत भी पक्ष भी नहीं रख पाएंगे, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भाई वीरेन्द्र रावणा ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा में रावणा राजपूतों के इतिहास को चुनोती देकर, इतिहास संशोधन के लिए जो कदम उठाया, आज हम सही और गलत की पहचान करने में सक्षम तो है, लेकिन जब भी इस मुद्दे पर आन्दोलन या संघर्ष की बात करते है तो शिक्षा के व्यापारी समाज में अपना पिटारा खोल के बैठ जाएंगे और समाज के मूल मुद्दों से समाज की भीड़ को भटका देंगे और मूल मुद्दों की लड़ाई को सोशियल मीडिया पर ही लड़ते रहेंगे। चन्दा खोरों और व्यापारियों ने समाज को ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहाँ इंटरनेट तो फूल है पर बेलेन्स कुछ भी नहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा ने कहा कि रावणा राजपूत समाज ने पिछले 20 वर्षों में महासभा के जरिये अपनी राजनीतिक और सामाजिक पहचान के लिए कई प्रकार के आयोजन किये और जहाँ अन्याय के विरुद्ध आन्दोलन की बात आयी तो वो भी किये और अपनी पहचान को कायम किया। लेकिन समाज में अब कुछ ऐसे लोग गिरोह बनाकर घुस रहे है जो समाज को किसी एक बेनर या संगठन के नीचे लाने के बजाए अपने व्यवसाय और व्यापार की मार्केटिंग कर समाज को फिर से बांटने में लगे है, इन लोगों ने अपने सहयोगी के रूप में कुछ ऐसे स्थायी लोगों को तैयार किया है जो मार्केटिंग में स्पेसिलियटी रखते है यही वो लोग है जो राजस्थान में पर्दे के पीछे महासभा से अलग एक संस्थान के निर्माण में लगे हुवे थे जब 2 - 3 सालों में पतन की और अग्रसर हुवे तो अब समाज में शिक्षा के नाम पर कोचिंग सेंटरों की कॉउंसलिंग के लिए निकले हुवे है। समाज का युवा अब समाज के व्यापारियों के लिए एक अच्छा संसाधन बन गया है। संगठन, राजनीति, संघर्ष और मुद्दों की लड़ाई के लिए महासभा ही बची है। भीड़तंत्र के नाम पर फेसबुक और व्हाट्सएप्प ही बचे है। जब समाज ऐसी अपरिपक्व स्थिति में किसी चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया गया हो तो यह समाज तय करे कि उसका सामाजिक और राजनीतिक उत्थान, उनके लिए किस रूप में महत्व रखता है? और उन्हें किस दिशा में, किस लिए? और क्यों अग्रसर होना है? इंटरनेट युग में समाज में इंटरनेट के जरिये एक मिनिट के भीतर इतनी तेज गति से आयी जागृति कई प्रकार के लोगों में कई तरीके से घुस तो जाती है लेकिन दूसरे ही क्षण अज्ञानियों द्वारा बगैर विचार किये उसे फिर प्रमोट किया जाता है तो बार बार ऐसे प्रमोसन मिलने से वह जानकारी चर्चा बन जाती है और बुद्धिजीवी लोग तो तथ्यों की गहराई में खो जाते है और दूसरी और मूर्खों की जमात में यही बात सत्य में तब्दील हो जाती है और इनका मत और मठ भी बनकर तैयार हो जाता है, यह बातें आज हास्यस्पद तो है लेकिन सत्य भी यही है। इंटरनेट कई मामलों में अच्छा है तो कई मामलों में विनाश का कारण भी है। इक्कीसवीं सदी का यह युग बेरोजगार, फालतू और उनके जरिये चालाक लोगों के व्यापार और सत्ता का युग है। यह इंटरनेट पर संघर्ष और आन्दोलन का युग है। इसलिए मूल बातों पर बहस और उद्देश्यों की जमीनी और कानूनी लड़ाई के लिए भीडतंत्र चाहिए और वहां पर अब व्यापारियों ने अपने हाथ फैला दिए है, अब समाज स्वयं विचार कर ले कि उन्हें क्या और कैसे करना है। महासभा तो अपने हिसाब से ही कार्य करेगी किसी सोशियल मीडियाई जरिये से प्राप्त मुद्दों को भी अपने तरीके से हैंडल करेगी यदि किसी को बहुत जल्दी है तो चन्दाखोरों और व्यापारियों से सम्पर्क कर लें। रावणा ने बताया कि, वरिष्ट उपाध्यक्ष मनोज सिंह परिहार के नेतृत्व में आने वाले समय में मारवाड़ क्षेत्र के केन्द्र सूर्य नगरी जोधपुर में इतिहास संशोधन के आन्दोलन का बिगुल बजेगा और सार्थक परिणाम भी आयेगा, अगले 7 दिनों में समाज के 3 अहम मुद्दों पर महासभा मुख्यमंत्री से भेंट कर ज्ञापन देगी। प्रदेश उपाध्यक्ष गणपत सिंह पीडियार ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महासभा के संस्थापक जसवंतसिंह सोलंकी, महामन्त्री मदन सिंह खंगारोत थे, अध्यक्षता वीरेन्द्र रावणा ने की। विशिष्ट अतिथि महासभा के सरंक्षक कान सिंह राठौड़, वरिष्ट उपाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह परिहार, उदय सिंह भाटी, रघुवीर सिंह शक्तावत, अमर सिंह सोलंकी, उपाध्यक्ष गोपाल सिंह पंवार, जब्बरसिंह, मनोहर सिंह सिसोदिया, महामन्त्री गोपाल सिंह चौहान, शंकर सिंह भाटी, संगठन महामन्त्री नन्द सिंह चौहान, संगठन मन्त्री महावीर सिंह नरुका, गजे सिंह वमल, रूप सिंह उदावत, शंकर सिंह कापराउ, रतन सिंह, कोषाध्यक्ष दिलीप सिंह शेखावत, सदस्य सुख सिंह, कल्याण सिंह पीडियार, रेवत सिंह, युवा टीम से प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह लीचाना, लक्ष्मण सिंह चौहान, टोंक जिला अध्यक्ष नन्द सिंह नरुका, मारवाड़ प्रान्तीय सभा के महामन्त्री शेर सिंह झाला, जालौर जिला अध्यक्ष मोहब्बत सिंह, पाली जिला अध्यक्ष जगदीश सिंह बर्र, अजमेर युवा अध्यक्ष राजवीर सिंह मझेवला, टोंक जिले के युवा अध्यक्ष एडवोकेट गोरधनसिंह आदि थे। नागौर जिले में महासभा के पुनर्गठन हेतु अस्थायी तौर सर्वसम्मति से नागौर के कार्यकारी जिला अध्यक्ष पद पर लक्ष्मण सिंह चौहान और उनके साथ फिलहाल 11 सदस्य जोड़े है जो अगले माह में नागौर जिले के सभी तहसील स्तर के संगठनों को एक जाजम पर लाने का कार्य करेंगे। महासभा के कार्यों के प्रचार - प्रसार हेतु एक आई टी सेल का गठन किया है जिसके मुख्य प्रभारी जोधपुर के अशोक सिंह सोलंकी रहेंगे, सह प्रभारी भीलवाड़ा से रतन सिंह जादू को नियुक्त किया है बहुत जल्द आई टी सेल का जिला और तहसील स्तर का पुनर्गठन होगा।"